चंडीगढ़, 10 जुलाई 2025 – हरियाणा सचिवालय में आज एक विशेष समारोह में मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने अंतर्राष्ट्रीय किकबॉक्सिंग खिलाड़ी सुधीर सक्सेना को उनके खेल में अद्भुत प्रदर्शन और समाज सेवा में सक्रिय भूमिका के लिए सम्मानित किया। यह सम्मान न केवल उनके अंतर्राष्ट्रीय पदकों की उपलब्धि को दर्शाता है, बल्कि एक ऐसे युवा की प्रेरणादायक यात्रा को भी सलाम करता है, जिसने गांव से निकलकर वैश्विक मंच तक अपनी पहचान बनाई है।
सुधीर ने हाल ही में कंबोडिया में आयोजित एशियन किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक और दिल्ली में आयोजित 4th इंडिया ओपन किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक जीतकर भारत को गौरवान्वित किया है।
लहासानी गांव से अंतर्राष्ट्रीय रिंग तक का सफर
उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के लहासानी गांव से आने वाले सुधीर सक्सेना का शुरुआती सफर संघर्षों से भरा रहा। सीमित संसाधनों और सुविधाओं के बावजूद, उन्होंने अपने जज़्बे, अनुशासन और निरंतर अभ्यास के बल पर खुद को स्थापित किया।
मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी ने सम्मान समारोह में कहा:
“सुधीर सक्सेना केवल एक खिलाड़ी नहीं, बल्कि युवा शक्ति और भारत की हिम्मत का प्रतीक हैं। उनका जीवन दर्शाता है कि अगर इरादे मजबूत हों, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं होती।”
मैदान में विजेता, समाज में मार्गदर्शक
खेल की दुनिया में सफलता पाने के बाद सुधीर ने समाज सेवा को भी अपना उद्देश्य बना लिया। वे देशभर में कई स्वयंसेवी संगठनों (NGOs) के साथ मिलकर ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य जागरूकता और खेल प्रशिक्षण के लिए काम कर रहे हैं।
उनकी इस सामाजिक यात्रा में गौरवी फाउंडेशन और महेश वर्मा व सुमित चौधरी जैसे समर्थकों का विशेष योगदान रहा है, जिन्होंने सुधीर की पहलों को ज़मीन पर साकार रूप देने में मदद की।
सुधीर ने इस अवसर पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) का भी आभार प्रकट किया, जिन्होंने उन्हें पहले गणतंत्र दिवस पर एमडी और सीईओ श्री अशोक चंद्रा द्वारा सम्मानित किया था।
परिवार और मित्र: प्रेरणा के स्तंभ
सुधीर ने इस सम्मान को अपने पिता श्री सुरेश सक्सेना को समर्पित किया, जिन्होंने हमेशा उन्हें आत्मबल और नैतिक मूल्यों की प्रेरणा दी। उन्होंने अपनी पत्नी प्रियंका गौतम का भी विशेष रूप से धन्यवाद किया, जिनके समर्थन और विश्वास ने उन्हें हर कदम पर मजबूत बनाया।
“मेरी हर सफलता के पीछे मेरा परिवार, मेरे दोस्त और मेरे मार्गदर्शक हैं। यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं, उन सभी का है जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया,” सुधीर ने कहा।
देश के युवाओं के लिए प्रेरणा
सुधीर ने देश के युवाओं को संदेश देते हुए कहा:
“चाहे आप शहर से हों या किसी छोटे गांव से, अगर आपके सपनों में सच्चाई और मेहनत हो, तो कोई भी सीमा नहीं होती। और जब आप आगे बढ़ें, तो समाज को देना न भूलें।”
भविष्य की दिशा
अब सुधीर का लक्ष्य है कि वे भारत का प्रतिनिधित्व आगामी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में करें और साथ ही देशभर में ग्रामीण खेल अकादमियों की स्थापना करें, ताकि प्रतिभावान युवाओं को सही दिशा और प्रशिक्षण मिल सके।
हरियाणा के मुख्यमंत्री द्वारा सुधीर सक्सेना को दिया गया यह सम्मान केवल पदक के लिए नहीं, बल्कि उनके समाज को वापस देने की भावना और युवा भारत को प्रेरित करने की दिशा में उनके समर्पण के लिए है। सुधीर की कहानी इस बात की मिसाल है कि सच्चे चैंपियन सिर्फ मैदान में नहीं, समाज में भी बदलाव लाते हैं।